इन्वेस्टमेंट करने की लिए म्यूच्यूअल फण्ड एक अच्छा ऑप्शन माना जाता है। बाजार में कई प्रकार के म्यूच्यूअल फण्ड अवेलेबल हैं। परन्तु इन सभी में से किस म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश किया जाय? इसके लिए यह जानना आवश्यक है कि सबसे उपयुक्त फंड का विश्लेषण और चयन कैसे करें।
साधारणतः कई निवेशक इन्वेस्टमेंट करने से पहले म्यूच्यूअल फंड के रिटर्न, जोखिम या रेटिंग को देखते हैं। इस लेख में, इनके अतिरिक्त कुछ अन्य इंडिकेटर्स को बताएँगे जो म्यूचुअल फंड का विश्लेषण कर सही निर्णय लेने में सहायता करेंगे। हमने इस लेख में निम्नलिखित को कवर किया है:
1. म्यूचुअल फंड परफॉर्मन्स की तुलना निफ़्टी या बेंचमार्क से करें
2. म्यूच्यूअल फंड इतिहास का इतिहास देखें
3. फण्ड एक्सपेंस रेश्यो की तुलना करें
4. डायरेक्ट प्लान का चयन करें
5. रिस्क अडजस्टेड रिटर्न की तुलना
1. म्यूचुअल फंड परफॉर्मन्स की तुलना निफ़्टी या बेंचमार्क से करें
म्यूच्यूअल फण्ड एनालिसिस की शुरुआत, उसकी परफॉर्मन्स की तुलना उसके समकक्ष किसी बेंचमार्क, इंडेक्स जैसे निफ़्टी आदि के, परफॉर्मन्स से करने से की जा सकती है। यहाँ पर यह ध्यान देना आवश्यक है की म्यूच्यूअल फण्ड की तुलना उपयुक्त बेंचमार्क से की जाय। बेंचमार्क सही नहीं होने पर रिज़ल्ट गलत और भ्रामक होगा।
उदहारण के लिए एक लार्ज-कैप इक्विटी फंड प्रदर्शन की तुलना निफ्टी 50 जैसे इंडेक्स के प्रदर्शन से की जा सकती है।
किसी भी म्यूच्यूअल फण्ड के जाना जा सकता है की उस म्यूच्यूअल फण्ड की प्रोफरोमान्स कैसी है। विशेषकर उस समय जब मार्केट में गिरावट का दौर आता है। इसके लिए किसी ऐसे फण्ड का चुनाव करना होगा जो की 10 या उससे अधिक साल पुराना हो। अब आपको यह जाँच करनी है की मार्केट में तेजी और मंदी के समय इस म्यूच्यूअल फण्ड का कैसा परफॉर्मन्स रहा है। यदि म्यूच्यूअल फण्ड मार्केट में तेजी के समय मार्केट के जैसे ही रिटर्न दिया है तो यह अच्छा है। साथ है यह भी देखें की मार्केट के गिरने पर म्यूच्यूअल फण्ड में कितनी गिरावट आती है। यदि या गिरावट कम है तो इस फण्ड को चुना जा सकता है।
3. फण्ड एक्सपेंस रेश्यो की तुलना करें
म्यूच्यूअल फण्ड को मैनेज करने के लिए जो चार्ज लिया जाता है वह फण्ड एक्सपेंस रेश्यो कहलाता है। सेबी के दिशानिर्देशों के अनुसार, कोई भी फण्ड हाउस AMU के 2.5 % तक चार्ज कर सकते हैं उससे अधिक नहीं।
फण्ड का चुनाव करने से पहले एक्सपेंस रेश्यो की जाँच लेनी चाहिए। एक्सपेंस रेश्यो जीतन कम हो उतना अच्छा। अधिक एक्सपेंस रेश्यो का मतलब है की, आपका रिटर्न उतना ही कम होगा। हमेशा ऐसे फंड की चयन करें जिनका एक्सपेंस रेश्यो अपेक्षाकृत कम हो।
4. डायरेक्ट प्लान का चयन करें
म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट में होने वाले खर्चों को कम करने के लिए डायरेक्ट प्लान का चयन किया जा सकता है। इस प्रकार के म्यूच्यूअल फंड्स में एक्सपेंस रेश्यो भी काम होता है। जिससे की मिलाने वाला रिटर्न बढ़ जाता है।
5. रिस्क अडजस्टेड रिटर्न की तुलना
किसी भी प्रकार के इन्वेस्टमेंट में रिस्क हमेशा होता है। कम रिस्क वाले निवेश काम रिटर्न देते है। अधिक रिस्क वाले अधिक रिटर्न। रिस्क अडजस्टेड रिटर्न यह बताता है की अतिरिक्त रिटर्न के लिए, लिया गये रिस्क से कितना रिटर्न प्राप्त हो रहा है। यदि यह रिटर्न, लिए गए रिस्क के हिसाब से अधिक है या उचित है तो म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्टमेंट किया जा सकता है। यदि यह रिटर्न कम है तो म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश रिस्की है।
इसकी तुलना के लिए निम्न दो की जानकारी होनी चाहिए।
a. मानक विचलन (Standard Deviation)-
किसी निवेश में रिस्क को 'मानक विचलन' की सहायता से मापा जाता है।
b. शार्प रेशियो (Sharp Ratio)-
शार्प रेशियो यह बताता है कि, फंड पर जैसे जैसे रिस्क बढ़ाया जा रहा है, उस पर रिटर्न मिल रहा है या नहीं।
किसी फण्ड कैटेगरी के औसत से अधिक शार्प रेशियो वाला फंड दर्शाता है कि फंड मैनेजर ने लिए गए अतिरिक्त रिस्क ने उच्च रिटर्न दिया।
आइये इसे समझें
माना A और B दो Equity fund हैं। A का Standard Deviation 12% और B का 15% है। अगर Aऔर B का शार्प रेशियो 0.48 और 0.60 है, तो फंड B का चुनाव किया जाना चाहिए। क्योंकि यह जोखिम लेने के लिए बेहतर इन्वेस्टमेंट है। पर यदि B का शार्प रेशियो लगभग 0.50 हो, तो आप A के लिए भी जा सकते थे। क्योंकि 3% अतिरिक्त रिस्क लेने पर मात्र .02 अधिक रिटर्न मिल रही है।
आमतौर पर 1 से कम का शार्प रेश्यो अच्छा नहीं माना जाता। 1 -2 के बीच अच्छा माना जाता है, इससे अधिक हो तो बहुत अच्छा।
और जानकारी चाहते हों या सुझाव देना चाहें तो कृपया कमेंट बॉक्स में लिखें।
0 टिप्पणियाँ