अक्सर हम सभी ने म्यूच्यूअल फंड (mutual fund) का नाम सुना होता है। परंतु कम जानकारी के कारण अक्सर कई लोग इसमें निवेश करने से डरते हैं। आइए जानते हैं, मुचल फंड क्या है? और इनमें निवेश क्यों किया जाय।
म्यूच्यूअल फंड क्या है
म्यूचल फंड का अर्थ किसके नाम के अंदर ही छुपा है। म्यूच्यूअल यानी कि "सबका" फण्ड यानी कि "पैसा"। यानी कि म्यूचुअल फंड एक ऐसा धन है जो कि बहुत से निवेशकों से एकत्र किया जाता है। जिसके पश्चात एकत्र करने वाली कंपनी, यानी कि म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी, उस एकत्र किए धन को निवेश करने के लिए इन्वेस्टमेन्ट मैनेजर नियुक्त करती है। जिसका कार्य होता है कि एकत्र किए गए धन को लाभ के लिए निवेश करना और निवेशित किए गए धन का हिसाब किताब रखना।
दरसल म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट का एक ऐसा साधन है जिसके अंतर्गत, एक
इन्वेस्टमेंट कंपनी , जिसे म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी भी कहा जाता है, अनेक
निवेशकों (इन्वेस्टर्स) से धन प्राप्त करती है और स्टॉक, बॉन्ड और डेब्ट
जैसी सिक्योरिटीज में इन्वेस्ट करती है।
म्यूचुअल फंड कंपनी
जिन शेयर्स या सिक्योरिटीज के समूह में इन्वेस्टमेंट करती है उनको
पोर्टफोलियो के रूप में जाना जाता है। निवेशक द्वारा जो धन निवेश किया जाता
है उसी के अनुपात में निवेशक को म्यूचुअल फंड में हिस्सा दिया जाता है।
जैसे जैसे निवेशित सिक्योरिटीज को कीमत में वृद्धि होती रहती है, निवेशक के निवेशित धन में भी बढ़ोतरी होती है।
म्यूचुअल फंड में निवेश क्यों करें? ( Why to invest in mutual fund?)
1. डाइवर्सिफिएड पोर्टफोलियो :
क्योंकी
म्यूचुअल फंड कंपनी एकत्र फण्ड को विभिन्न प्रकार के शेयरों या फिक्स्ड
इनकम इंस्ट्रूमेंट्स से बने एक पोर्टफोलियो में इन्वेस्ट करती है जीस
कारण इन्वेस्टर का फण्ड एक सिक्योरिटी में न लग कर एक विभिन्न सिक्योरिटीज
में बाँट जाता है। उदाहरण के लिए, माना आप 1000 रुपये का निवेश करना
चाहते हैं। यदि आप सीधे शेयर मार्केट से शेयर ले तो 2 या 3 शेयर से अधिक न
खरीद पाएंगे, परन्तु यदि आप म्यूचुअल फंड के माध्यम से निवेश करते हैं ,
तो आपको राशि के लिए कई शेयरों में बाँट जाती है ।
यदि पोर्टफोलियो में कुछ सिक्योरिटीज ठीक प्रदर्शन नहीं करती हैं, तो अन्य सिक्युरिटीज उसकी क्षतिपूर्ति कर देती हैं।
२. प्रोफेशनल मैनेजमेंट :
यह
म्यूचुअल फंड के महत्वपूर्ण लाभों में से एक हो सकता है। म्यूच्यूअल फण्ड
कम्पनीज, इन्वेस्टर्स से एकत्र फण्ड को इन्वेस्ट करने के लिए फण्ड मैनेजर
को नियुक्त करती हैं। जो म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम की योजना के अनुसार
पोर्टफोलियो में इन्वेस्ट करते हैं। ये मैनेजर उच्च शिक्षित और प्रोफेशनल
होते हैं। व्यक्तिगत तौर पर इस प्रकार के सेवा लेना महंगा होता है। इसके
अलावा इंवेस्टमेंन्ट रिसर्च करने में समय बहुत लगता है, और उसके लिए सही
ज्ञान भी आवश्यक है ।
यदि आप बहुत समय खर्च नहीं करना चाहते हैं, और सही इन्वेस्टमेंट करना चाहते तो म्यूचुअल फंड सही है।
3. रिस्क और रिटर्न (Risk and Return):
म्यूच्यूअल
फंड्स में रिस्क की बात करें तो ये सीधे शेयर में इन्वेस्टमेंट से कम
जोखिम भरे होते हैं। क्यूंकि इनमे किया गया निवेश पूरे पोर्टफोलियो में बंट
जाता है।
आमतौर पर म्यूच्यूअल फण्ड लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न दे देते हैं। जो की 10 से 18 परसेंट के बीच हो सकता है।
4. एक मुश्त या टुकड़ों में निवेश की सुविधा:
म्यूच्यूअल
फंड आपको यह सुविधा देते हैं कि आप एकमुश्त निवेश करना चाहते हैं या
टुकड़ों में। टुकड़ों में इन्वेस्टमेंट करने के लिए SIP का विकल्प होता है।
जिसमें आप हर महीने महीने या अपनी सुविधानुसार थोड़े थोड़े पैसे निवेश कर
सकते हैं। अगर आपके पास निष्क्रिय नकदी पड़ी है तो आप एकमुश्त भी निवेश कर
सकते हैं।
5. कम लागत में निवेश:
म्यूचुअल फंड के माध्यम
से निवेश करना, सीधे शेयर में निवेश करने से सस्ता होता है । जब इक्विटी
या शेयर खरीदे जाते हैं, तो ब्रोकरेज और अन्य लागत जैसे सिक्योरिटी
ट्रांजैक्शन टैक्स का भुगतान करना होता है। जितने ज्यादा ट्रांजैक्शन होते
हैं, उतने ही लागत बढ़ती जाती है। जबकि म्युचुअल फंड में आप कम लागत में ही
निवेश कर सकते है।
अपनी इस पोस्ट के जरिये, हमने आपको म्यूच्यूअल फण्ड की जानकारी देने की कोशिश की है। आशा करते हैं की आपको हमारी ये पोस्ट पसदं आई होगी। इसे अभी अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।
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