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डचों का भारत आगमन

 डचों का भारत आगमन


पुर्तग़ालिओं की भांति डच भी भारत में व्यापार के उद्देश्य से भारत में आये थे। भारत में ‘डच ईस्ट इंडिया कंपनी’ की स्थापना 1602 में हुई थी । सत्रहवीं सताब्दी के मध्य में डचों ने पुर्तग़ालिओं का स्थान ले लिया।  व्यापारिक उद्देश्यों के कारण पुर्तग़ालिओं और डचों के बीच टकराव भी हुए।

डचों की पहली व्यापारिक कोठी 1605 में मसुलीपट्टम में स्थापित की। इसके बाद 1610 में कालीकट, 1616 में सूरत, 1641में बिमिलीपट्टम, 1695 में करिकल में एवं समय समय पर अन्य स्थानों पर अपनी फ़ैक्ट्रियाँ स्थापित की।

हालाँकि अंगरेज भी 17वी सताब्दी के आरंभ में भारत में आ चुके थे। पर अंगरेजों की ईस्ट इंडिया कंपनी डॉचों की तुलना में छोटी थी।

1759 ई. में  डचों का अंग्रेजों से ‘वेदरा का युद्ध’ हुआ।  जिसमें अंग्रेज़ों से हार के बाद डचों का भारत में अंतिम रूप से पतन हो गया।

संबंधित प्रश्न उत्तर: 

  • डच ईस्ट इंडिया कंपनी’ की स्थापना  कब  हुई थी --- 1602 में
  • डचों की पहली व्यापारिक कोठी कहां स्थापित हुई थी  --- 1605 में मसुलीपट्टम में 
  • किस युद्ध के बाद डचों का भारत में अंतिम रूप से पतन हो गया ---  वेदरा के युद्ध के बाद
  • वेदरा का युद्ध किस के मध्य हुआ  --- डचों और अंग्रेजों के बीच

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