मृदा अभिक्रिया (सॉइल रिएक्शन)
हाइड्रोजन आइनों की अधिक मात्रा होने पर मृदा अम्लीय होगी और पोटेशियम और सोडियम ऋण आयनों की मात्रा अधिक होने पर मृदा क्षारीय होगी।
मृदा अभिक्रिया को पीएच मान में मापा जाता है। यदि किसी मृदा का पीएच मान 7 होता है तो यह मृदा उदासीन होती है । पी एच मान 7 से कम होने पर मृदा अम्लीय, तथा पीएच मान 7 से अधिक होने पर मृदा क्षारीय होती है।
पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक है कि मृदा का पीएच मान 6 से 7.5 के बीच में हो
अम्लीय मृदा के सुधार के लिए मिट्टी में चूने का प्रयोग किया जाना चाहिए और यदि मृदा क्षारीय है तो उसमें जिप्सम का प्रयोग किया जाना चाहिए। भारत में सबसे अधिक क्षारीय मृदा उत्तर प्रदेश में पाई जाती है।
नहरी सिंचाई के कारण उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक क्षारीय मृदा पाई जाती है।
भारत में सबसे अधिक लवणीय मृदा गुजरात में पाई जाती है अम्लीय मृदा चाय बागानों के लिए उपयुक्त होती है
गुजरात का कच्छ क्षेत्र दलदली य क्षेत्र है यहां समुद्र का पानी प्रवेश कर गया है जिस कारण यहां लवण की मात्रा अत्यधिक बढ़ गई है जिस कारण यह मृदा मृदा लवणीय मृदा है
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