सन 1707 में औरंगजेब की मृत्यु हो चुकी थी। उसके बाद बहादुर शाह प्रथम ने 1707 से 1712 तक शासन किया । उसके बाद 1713 से 1719 तक फर्रुखसियर ने मुगल गद्दी पर अधिकार किया।
औरंगजेब की मृत्यु के बाद मुगल कमजोर पड़ चुके थे। इसका अंग्रेजों ने पूरा लाभ उठाया। उन्होंने फर्रुखसियर से दस्तक नाम का एक अधिकार पत्र प्राप्त किया। इस अधिकार पत्र के अनुसार ईस्ट इंडिया कंपनी बंगाल में बिना कर दिए मुक्त व्यापार कर सकती थी ।
अंग्रेजों ने इसका पूरा लाभ उठाया। अंग्रेज कंपनी के अलावा अंग्रेज अधिकारी और कर्मचारी भी व्यक्तिगत व्यापार के लिए दस्तक का प्रयोग किया करते थे। जिसका बंगाल के नवाबों ने विरोध किया। सिराजुद्दौला के समय में यह दुरुपयोग अत्यधिक पड़ गया था। इसके अलावा नवाब ने अंग्रेजों के किले की मजबूत किले बंदी का भी विरोध किया था। अंग्रेज अपने किले की मजबूत चारदीवारी भी कर रहे थे।
अंग्रेजों के इन कृत्यों से अत्यंत उर्दू हुआ और उसने अंग्रेजों को सबक सीखने का फैसला किया। उसने फोर्ट विलियम किले पर 1756 में हमला कर दिया। और उसे आपने अधिकार में ले लिया।
इसके आलवा उसने 146 अंग्रेजों को एक संकीर्ण घुटन युक्त कोठरी में बंद कर दिया। जिसमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल थी।
जब मद्रास में रॉबर्ट क्लाइव को इस बात की खबर लगी तो उसने सेना लेकर कलकत्ता पर हमला कर दिया। और युद्ध करके उसे पुनः हासिल किया।
औरंगजेब की मृत्यु के बाद मुगल कमजोर पड़ चुके थे। इसका अंग्रेजों ने पूरा लाभ उठाया। उन्होंने फर्रुखसियर से दस्तक नाम का एक अधिकार पत्र प्राप्त किया। इस अधिकार पत्र के अनुसार ईस्ट इंडिया कंपनी बंगाल में बिना कर दिए मुक्त व्यापार कर सकती थी ।
अंग्रेजों ने इसका पूरा लाभ उठाया। अंग्रेज कंपनी के अलावा अंग्रेज अधिकारी और कर्मचारी भी व्यक्तिगत व्यापार के लिए दस्तक का प्रयोग किया करते थे। जिसका बंगाल के नवाबों ने विरोध किया। सिराजुद्दौला के समय में यह दुरुपयोग अत्यधिक पड़ गया था। इसके अलावा नवाब ने अंग्रेजों के किले की मजबूत किले बंदी का भी विरोध किया था। अंग्रेज अपने किले की मजबूत चारदीवारी भी कर रहे थे।
अंग्रेजों के इन कृत्यों से अत्यंत उर्दू हुआ और उसने अंग्रेजों को सबक सीखने का फैसला किया। उसने फोर्ट विलियम किले पर 1756 में हमला कर दिया। और उसे आपने अधिकार में ले लिया।
इसके आलवा उसने 146 अंग्रेजों को एक संकीर्ण घुटन युक्त कोठरी में बंद कर दिया। जिसमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल थी।
जब मद्रास में रॉबर्ट क्लाइव को इस बात की खबर लगी तो उसने सेना लेकर कलकत्ता पर हमला कर दिया। और युद्ध करके उसे पुनः हासिल किया।
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